द्वारकामाई मस्जिद


साईं बाबा ने लोगों का मन धर्म के वास्तविक तत्व में लगाने के लिये कई चमत्कार भी किये। वे तो स्वयं मायापति त्रिलोकीनाथ भगवान थे। उनके लिये कुछ भी असम्भव नहीं था। अपने निवास के लिये उन्होंने जीर्णशीर्ण पुरानी मस्जिद को चुना पर उसका नाम रखा ‘द्वारका माई’ मस्जिद। यह भी भगवान साईं बाबा की लीला और कौतूहल ही था कि बाबा की कृपा से वह मस्जिद, मन्दिर जैसे बन गई। वहाँ धूनी जलने लगी, श्री हरि की पूजा और आरती की जाने लगी, शंख बजाये जाने लगे, कीर्तन होने लगा, साईं बाबा की अमृत वाणी गूंजने लगी, कृष्णाष्टमी और रामनवमी के त्यौहार मनाये जाने लगे। बाबा का हर काम हिन्दू संस्कृति के अनुसार होता था।

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