धार्मिक आस्था है कि साईं बाबा भगवान दत्तात्रेय के अवतार हैं। श्रीमद्भावगत के मुताबिक भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय ने जगत के लिए गुरु पद व ज्ञान शक्ति की श्रेष्ठता और महत्व को उजागर किया। यही कारण है कि महायोगी दत्तात्रेय ने प्रकृति हो या प्राणी सभी में गुरु के दर्शन किए और ज्ञान सूत्र प्राप्त किए। इस तरह महातपस्वी दत्तात्रेय 24 गुरुओं के शिष्य बने।
भगवान दत्तात्रेय का यही योगी, तपस्वी व ज्ञान स्वरूप साईं चरित्र में प्रकट होता है। साईं बाबा ने भी जीवन को कलहमुक्त और सुखी बनाने के लिये ज्ञान, त्याग, तप, प्रेम, श्रद्धा, भक्ति, संयम और गुरु का महत्व उजागर किया।
यही कारण है कि दत्तात्रेय जयंती या गुरुवार के शुभ अवसर पर भगवान साईं की भक्ति विशेष गुरु मंत्र का ध्यान कर जीवन से जुड़ी कोई भी मनौती मांगने पर जल्द पूरी होने वाली मानी गई है। जानते हैं यह विशेष गुरु मंत्र और सांई बाबा की पूजा की आसान विधि -
- भगवान साईं की प्रतिमा को पवित्र गंगाजल या दूध मिले जल से स्नान कराएं या साईं मंदिर में बाबा सांई के चरणों में पवित्र जल अर्पित करें।
- साईं बाबा को पीला चंदन, सुगंधित फूल, वस्त्र व नैवेद्य अर्पित करें। नारियल अर्पित करें और नीचे लिखे गुरु मंत्र का ध्यान कर मनौती मांगे -
अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया।
चक्षुरुनमीलितं येन तस्मै श्री गुरुवे नम:।।
- साईं बाबा की गाय के घी के दीप व कर्पूर आरती करें। सांई की अखण्ड ज्योति के दर्शन करें। रसोई के लिए यथाशक्ति अन्न दान करें। #exposeantisai